टाटा स्टील यूआईएसएल के एमडी ने स्कूल प्रिंसिपलों के साथ रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन पर की चर्चा

 

जमशेदपुर : स्थिरता और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए टाटा स्टील यूआईएसएल के एमडी रितुराज सिन्हा ने मंगलवार स्कूल प्रिंसिपलों के साथ एक सार्थक बातचीत की। जिसमें स्कूलों में रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन के कार्यान्वयन और नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन को प्राप्त करने के लिए आवश्यक सहयोगात्मक प्रयास पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस दौरान एमडी ने शैक्षणिक संस्थानों में नवीकरणीय ऊर्जा समाधानों को एकीकृत करने के लिए टाटा स्टील यूआईएसएल की प्रतिबद्धता पर प्रकाश भी डाला। साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि स्कूल स्थिरता के प्रति अगली पीढ़ी की मानसिकता को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने छत पर सौर पैनलों के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा में बदलाव के महत्व पर जोर दिया और जो न केवल कार्बन फुटप्रिंट को कम करता है। बल्कि छात्रों के लिए नवीकरणीय ऊर्जा के महत्व को समझने के लिए एक शैक्षिक उपकरण के रूप में काम भी करता है। इसमें बिस्टुपुर लोयोला स्कूल, डीबीएमएस इंग्लिश स्कूल बीएच एरिया कदमा, कार्मेल जूनियर कॉलेज व कार्मेल बाल विहार स्कूल सोनारी, जुस्को स्कूल कदमा, जुस्को स्कूल साउथ पार्क, काशीडीह हाई स्कूल, सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल, डीएवी पब्लिक स्कूल बिष्टुपुर, केरला पब्लिक स्कूल कदमा, डीबीएमएस कदमा हाई स्कूल, नरभेराम हंसराज इंग्लिश एचएस स्कूल, बेल्डीह बैपटिस्ट स्कूल, जेएच तारापोर स्कूल धातकीडीह, सेंट मैरी इंग्लिश हाई स्कूल, एडीएलएस सनशाइन स्कूल कदमा, मोतीलाल नेहरू पब्लिक स्कूल समेत 17 स्कूलों ने भाग लिया। इस संवादात्मक सत्र में स्कूल प्रिंसिपलों को सौर ऊर्जा समाधानों को लागू करने के तकनीकी और तार्किक पहलुओं पर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान किया गया। जिसमें संभावित चुनौतियां और टाटा स्टील यूआईएसएल से अपेक्षित सहायता शामिल है। एमडी ने उपस्थित लोगों को आश्वासन दिया कि कंपनी सौर पैनलों की स्थापना में सहायता प्रदान करेगी। साथ ही ऊर्जा बचत और कार्बन ऑफसेट की निगरानी भी करेगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नेट जीरो हासिल करना केवल एक लक्ष्य नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है। उन्होंने स्कूलों से अपने पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए सक्रिय कदम उठाने का आग्रह किया। वहीं प्रधानाचार्यों ने इस पहल के लिए उत्साह व्यक्त करते हुए कहा कि स्कूल व्यापक पर्यावरणीय लक्ष्यों में कैसे योगदान दे सकते हैं। कई ने स्थिरता परियोजनाओं में छात्रों को शामिल करने की संभावना पर भी प्रकाश भी डाला।

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